आप सबने इंद्रधनुष बनते हुए तो बहुत बार देखा होगा पर क्या आपने कभी सोचा है कि इंद्रधनुष आकाश में क्यों बंद है इसका क्या कारण है आकाश में ऐसे ही सात रंग क्यों आ जाते हैं इसका कारण आज आपको बताते हैं
इंद्रधनुष बनना एक बहुत ही आसान प्रक्रिया होती है वर्षा होने के बाद आकाश में कुछ वर्षा की बुंदे रह जाती है जो सूर्य से आने वाली किरण उन बूंदों पर पड़ती है तो वह उन का वर्ण विक्षेपण कर देती है प्रत्येक बूंद निश्चित रंग पर उन्हें वर्ण विच्छेद करती है इसी तरह एक इंद्रधनुष को बनने के लिए 7 बंदों की आवश्यकता होती है जब यह 7 बंदे आकाश में उपस्थित हो तो यह सूर्य के सामने हो तो यह एक इंद्रधनुष का निर्माण कर देती है इंद्रधनुष में हमेशा लाल रंग ऊपर होता है और बैंगनी रंग नीचे होता है क्योंकि लाल रंग के लिए तरंगदैर्य का मान अत्यधिक होने कारण वह कम फैलता है और हमें जल्दी दिखाई देता है परंतु नीले रंग की तरंग धैर्य का मान कम होने के कारण वह अधिक फैलता है और हमें कुछ समय पश्चात दिखाई देता है
इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं उनका क्रम यह होता है सबसे ऊपर लाल होता है लाल से नीचे नारंगी होते नारंगी से नीचे पीला होता है पीला से नीचे हरा होता है हरे से नीचे नीला होता है नीला से नीचे जामुनी होता है और लास्ट में सबसे नीचे बैंगनी नहीं होता है
इसी तरह एक इंद्रधनुष बनता है जो हमें दिखाई देता है हमेशा बरसात के बाद
इंद्रधनुष का बनना
Reviewed by Manish saini
on
8:17 am
Rating:
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें
(
Atom
)
Great job...!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएं