प्रक्षेप्य गति :
• जब कोई निकाय क्षैतिज से कोई कों बनाते हुए उर्ध्वाधर तल में प्रक्षेपित किया जाता है, तो उसका पथ परवलय होता है, तो इस प्रकार के निकाय को प्रक्षेप्य एवं इस प्रकार की गति को प्रक्षेप्य गति कहते हैं।
• इस प्रकार के गति में निकाय अपनी क्षैतिज गति और निरंतर त्वरण के साथ उसकी ऊर्ध्वाधर गति का वर्णन करता है जो कि गुरुत्वीय त्वरण के कारण है।
प्रक्षेप्य गति से संबंधित पद एवं समीकरण
चढ़ाव का समय: किसी निकाय द्वारा अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लगने वाला समय चढ़ाव का समय कहलाता है।
ta = u Sin θ/g
उतरने का समय: किसी निकाय द्वारा अधिकतम ऊँचाई से जमीन तक पहुँचने में लगने वाला समय उतरने का समय कहलाता है।
ta = u Sin θ/g
इसलिए, ta = td
उड्डयन काल: पिंड को फेंकने तथा वापस पृथ्वी पर गिरने के बीच लगने वाले समय को उड्डयन काल कहते हैं।
Tf = ta = td = 2u Sin θ/g
प्रक्षेप्य की महत्तम ऊँचाई: निकाय द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई को प्रक्षेप्य की महत्तम ऊँचाई कहते हैं, जहाँ पर वस्तु की गति शून्य हो जाती है।
Tf = ta = td = 2u Sin θ/g
परास: पिंड अपने उड्डयन काल में जितनी क्षैतिज दूरी तय करता है, उसे परास कहते हैं।
R = u2 Sin2 θ/g
यह 45 ° के प्रक्षेपण पर अधिकतम होता है।
प्रक्षेप गति क्या है
Reviewed by Manish saini
on
12:02 pm
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