विराम एवं गति:
• यदि वस्तु की स्थिति समय के साथ नहीं बदलती है तो वस्तु को विराम में माना जाता है।
• यदि वस्तु की स्थिति समय के साथ बदलती है तो वस्तु को गति में माना जाता है।
• विराम और गति सापेक्ष शब्द हैं।
• यदि वस्तु की स्थिति समय के साथ बदलती है तो वस्तु को गति में माना जाता है।
• विराम और गति सापेक्ष शब्द हैं।
एकसमान गति तथा असमान गति:
• यदि वस्तु बराबर अंतराल में बराबर दूरी तय करता है तो वस्तु को एकसमान गति में कहा जाता है।
• यदि वस्तु बराबर समय अंतराल में बराबर दूरी नहीं तय करता है तो वस्तु को असमान गति में कहा जाता है।
• यदि वस्तु बराबर समय अंतराल में बराबर दूरी नहीं तय करता है तो वस्तु को असमान गति में कहा जाता है।
दूरी:
• किसी दिए गए समय में वस्तु द्वारा तय किए गए कुल मार्ग को दूरी कहा जाता है।
• दूरी का SI मात्रक मीटर है।
• यह एक अदिश राशि है। यह ऋणात्मक कभी नहीं हो सकती है।
• दूरी का SI मात्रक मीटर है।
• यह एक अदिश राशि है। यह ऋणात्मक कभी नहीं हो सकती है।
विस्थापन:
• किसी निश्चित दिशा में दिए गए समय में वस्तु के प्रारंभिक और अंतिम स्थिति के बीच के सबसे छोटी दूरी को विस्थापन कहा जाता है।
• विस्थापन का SI मात्रक मीटर है।
• यह एक सदिश राशि है।
• यह ऋणात्मक, शून्य और धनात्मक भी हो सकता है।
• विस्थापन का SI मात्रक मीटर है।
• यह एक सदिश राशि है।
• यह ऋणात्मक, शून्य और धनात्मक भी हो सकता है।
चाल:
• इकाई समय में किसी वस्तु द्वारा तय की जाने वाली कुल दूरी को चाल कहा जाता है।
• यह एक अदिश राशि है।
• इसका SI मात्रक मीटर प्रति सेकंड है।
• यह ऋणात्मक कभी नहीं हो सकता है।
• यह एक अदिश राशि है।
• इसका SI मात्रक मीटर प्रति सेकंड है।
• यह ऋणात्मक कभी नहीं हो सकता है।
वेग:
• किसी दी गई दिशा में एक इकाई समय में वस्तु द्वारा तय की जाने वाली कुल दूरी को वेग कहा जाता है। यह एक सदिश राशि है।
• इसका SI मात्रक मीटर प्रति सेकंड है।
• यह ऋणात्मक, शून्य और धनात्मक भी हो सकता है।
• इसका SI मात्रक मीटर प्रति सेकंड है।
• यह ऋणात्मक, शून्य और धनात्मक भी हो सकता है।
त्वरण:
• वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहा जाता है।
• यह एक सदिश राशि है।
• इसका SI मात्रक मीटर प्रति सेकंड 2 है।
• यह ऋणात्मक, शून्य और धनात्मक भी हो सकता है। ऋनात्मक त्वरण को मंदन भी कहा जाता है।
• यह एक सदिश राशि है।
• इसका SI मात्रक मीटर प्रति सेकंड 2 है।
• यह ऋणात्मक, शून्य और धनात्मक भी हो सकता है। ऋनात्मक त्वरण को मंदन भी कहा जाता है।
दूरी तवरण चाल विस्थापन आदि की परिभाषा
Reviewed by Manish saini
on
12:04 pm
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