सूरजमुखी का फूल सूर्य की ओर ही क्यों रहता है

प्रकाशानुवर्तन (Phototropism) और हीलियोट्रॉपिज्म (Heliotropism) कहते हैं. सूरजमुखी के पौधे में ऑक्सिन (Auxin ) नाम का एक हॉरमोन होता है. यह हॉर्मोन सूरज की किरणों के प्रति संवेदनशील होता है. पौधे में यह तने के छाया वाले हिस्से में जमा होता है. फूल से छाया बनती है. छाया में ही यह बढ़ता है. इसलिए इसका तना सहज रूप से छाया की ओर घूमता है, जिसके कारण फूल का मुख सूरज की ओर हो जाता है.

इसका परागण से भी संबंध है. ‘यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया’ में काम करने वाले छह अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक दल ने पाया है कि तने में एक दिशा में होने वाली चयनात्मक वृद्धि के कारण सूरजमुखी सूर्य की दिशा में देखता है.  सुबह के समय फूल का चेहरा पूर्व की ओर होता है और फिर जिस दिशा में सूर्य बढ़ता जाता है, यह भी उसी दिशा में घूमता जाता है. रात के समय यह विपरीत दिशा में वापस आ जाता है ताकि सुबह एकबार फिर से इसका चेहरा सूर्य की दिशा में हो सके. सिर्फ नए फूल ही इस लय का पालन करते हैं. जब ये बड़े हो जाते हैं और इनके बीज स्थापित हो जाते हैं तो ये फूल हमेशा अपना मुंह पूर्व की दिशा में रखता है. इससे फूल और परागण करने वाले जीवों के बीच होने वाली प्रक्रिया में लाभ मिलता है. 

सूरजमुखी का फूल सूर्य की ओर ही क्यों रहता है सूरजमुखी का फूल सूर्य की ओर ही क्यों रहता है Reviewed by Manish saini on 2:06 pm Rating: 5

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